क्लर्क की मौत
रूस के कथाकार नाटककार चेखव की गिनती विश्व में सर्व कालीन महान लेखक में होती है| उनका लेखन व्यवस्था शासन और उनके तंत्र की अमानवीयता को रेशे -रेशे उखाड़ता है |आम आदमी की निरूपयात उनकी लाचार में रह रह कर उनके लेखन में भर्ती रहती है चेखव की कला डीडवाना पूर्ण परिस्थिति में फंसे व्यक्ति की करुणा स्थिति का ईमानदार लक्ष्य प्रस्तुत करने महान लेखक रुचि ने चेकअप के लिए कहा था कि शिखर एक अतुलनीय कलाकार है जि निश्चित है रूप से अद्वितीय गुण वह जीवन कलाकार उनका रचना का गुण ही यह है कि वह वह गम और भावनाओं के विकट है केवल प्रत्येक रूसी के लिए बल्कि प्रत्येक मानव के लिए|
Clerk ki Maut Summary In Hindi
एक सुंदर रात को कलर युवान देवी चित्र चेरवयकोल को अब्बल दर्जी की दूसरी पनकी तो बैठकर दूरबीन की मदद से लकलोचेस दे करविल का आनंद ले रहा है | वह खेल देख रहा था और आपने सब की खुशी मनु समझ रहा था जब यह का एक कहानियां के एकाएक के हिसाब पीटा शब्द होता है किंतु लेखक सही सही है कि जिंदगी अचंभो से भरी है तो एक-एक उसका चेहरा सिकुड़ गई उसकी आंखें आसमान की ओर चढ़ने लगी उसकी सांसे रुक गई थी वो आंखों से दूरबीन हटाकर अपने दोहरा स्थान पर हो गया अच्छी छि आ गई | उनका कहने का मतलब यह है कि छींक आ गई थी यूं तो हर किसी को चाहे चिकने का हक होता है किसान थाने का दरोगा यहां तक कि पृवी काउंसिल मेंबर तक सीखते हैं हर कोई व्यक्ति सीखता है हर कोई चेरवयकोव को इससे कोई झूठ नहीं लगी है रुमाल से उसने अपनी पूछी और एक विशिष्ट व्यक्ति होते हुए अपने चारों तरफ कहीं उनकी ठीक से किसी एक को असुविधा तो ना पहुंच गई है और तभी वह सचमुच छिप गया क्योंकि उसने एक वृद्ध व्यक्ति को पहली बार अंकित में अपने ठीक आगे बैठा हुआ देखा जो अपनी गंजी से खोपड़ी और गर्दन को अच्छी तरह से दस्तानासे पूछ रहा था |
पेशगी कहानी का सारांश
और उस बुड्ढे व्यक्ति कुछ और बढ़ाता हुआ जा रहा था उस बूढ़े को पहचान लिया वह यातायात मंत्रालय के सिविल जनरल बृजलोक कोके है ‘उसके ऊपर मैंने सीखा है? उसने सोचने लगा| वह मेरा अफसर नहीं है यह सही है किंतु यह कितना भद्दा भी है माफी मांगनी चाहिए मुझे? मैं क्षमा प्रार्थी हूं महानुभाव मैं सी कथा मेरा मतलब यह नहीं था कि ।। आज कोई बात होगा ही नहीं।। मुझे कृपया क्षमा कर दें मैं.. यह सब जानबूझकर नहीं किया हूं?
Clerk ki Maut Summary
‘ तुम चुपचाप नहीं रह सकती हो ? मुझे सुनने दो ?कुछ घबराहट हुआ चेरवयकोल मुस्कुराकर थे और खेल की तरह मन लगाने की कोशिश किया । वो व्यक्ति खेल देख रहा था ? परंतु उसे आनंद नहीं आ रहा था । उसका बेचैनी पीछा नहीं छोड़ रहा था मध्यांतर में वह ब्रिजालोव के पास पहुंचा था । थोड़ी देर में ही उनके आसपास घुमा फिरा और फिर साहब बटोर कर विनविनाया;‘ हुजूर। आपके ऊपर हम नहीं सीखे थे? मुझे माफ कर दीजिए… आप जानते हैं … मेरा मतलब यह नहीं है …‘ अरे बस… मैं तो यह भूल भी गया था थोड़ा अभी सब बात को। जनरल ने कहा और डिस्कवरी मैं उसका अधर पकड़ने लगा मैंने माफी मांगने की कोशिश की थी परंतु इसका ढंग ऐसा अजीब था कि…. कोई फायदा की बात ही नहीं की थी… फिर बात करने का मौका भी नहीं था ?
Clerk ki Maut
अगला दिन सबको बने नई वर्दी पहन कर करवाए और बिरजा लोग से माफी मांगने गया परंतु जनरल कामुका मुलाकात कमरा प्राथमिक से भरा हुआ था और जनरल खुद अपने अर्जियां सुन रहा था उसने कुछ से बात करने के बाद जनरल की निगाह उठी और कोचेरवयकोल के चेहरे पर अटकी ‘हुजूर कल रात.. स्टेडियम में अगर आपको याद हो’’ क्लर्क ने कहना शुरू किया मैं आ .. मुझे छींक आ गई थी और आ.. ऐसा.. मैं क्षमा चाहता हूं.. उफ्फ क्या बकवास है… जनरल ने कहा और दूसरे आदमी की ओर मुड़ कर देखा‘ मेरा बात सुनते नहीं? डर से पीले पड़ गए चेरवयकोल ने इसका मतलब वह मुझसे नाराज है | बात को यहीं पर खत्म नहीं की जा सकती है.. मुझे यह सब बात उन्हें समझा देना चाहिए…. जब जनरल अंतिम तिथि से बात करके अपने निजी कैमरे की ओर मुड़ चेरवयकोल रहा था तो उनके पीछे भागता हुआ जा पहुंचा जनरल वासु चेहरा बनाया और हाथ हिलाया और तुम तो मेरा मजाक उड़ा रहे हो जनाब। काह कर दरवाजे के पीछे श्री राम| हम कल आप को कष्ट देने का हिम्मत की थी तो |Clerk ki Maut Summary